Titanic का पूरा इतिहास क्या है:- टाइटैनिक जहाज का निर्माण 31 मार्च 1909 को बेलफास्ट, आयरलैंड में व्हाइट स्टार लाइन कंपनी द्वारा शुरू किया गया था। यह जहाज दुनिया का सबसे बड़ा वाष्प आधारित यात्री जहाज था, और इसे अटलांटिक महासागर को पार करने के लिए बनाया गया था। टाइटैनिक को उस समय दुनिया का सबसे बड़ा जहाज माना जाता था, और इसे “अविनाशी” कहा जाता था। Titanic दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे आधुनिक यात्री जहाज था। इसे बेलफास्ट, आयरलैंड में 31 मार्च 1909 को बनाया गया था और 31 मई 1911 को लॉन्च किया गया था। टाइटैनिक की पहली यात्रा 10 अप्रैल 1912 को साउथम्पटन, इंग्लैंड से न्यूयॉर्क शहर के लिए शुरू हुई थी।
टाइटैनिक क्यों डूब गया था
टाइटैनिक 10 अप्रैल, 1912 को इंग्लैंड के साउथम्पटन से न्यूयॉर्क शहर के लिए अपनी पहली यात्रा पर रवाना हुआ। चार दिनों के बाद, 14 अप्रैल को, जहाज उत्तरी अटलांटिक महासागर में एक आइसबर्ग से टकरा गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि जहाज के पतवार के नीचे एक बड़ा छेद हो गया। जहाज के अंदर पानी भरने लगा और 2 घंटे 40 मिनट के भीतर डूब गया।
टाइटैनिक जहाज में कौन बचा था
Titanic जहाज 46,328 टन (42,094 लंबे टन) का था और 882 फीट (269.1 मीटर) लंबा था। इसमें 2,224 यात्रियों और 892 चालक दल के सदस्य सवार थे। 14 अप्रैल 1912 की रात, टाइटैनिक एक आइसबर्ग से टकरा गया और 2 घंटे 40 मिनट के भीतर डूब गया। इस हादसे में 1,517 लोगों की मौत हो गई, जो इतिहास की सबसे बड़ी शांतिकाल समुद्री आपदाओं में से एक है।
टाइटैनिक जहाज को क्यों नहीं निकाला गया
टाइटैनिक जहाज को कई कारणों से नहीं निकाला गया है, जिनमें शामिल हैं:
- तकनीकी चुनौतियाँ: टाइटैनिक का मलबा समुद्र तल पर 3,800 मीटर (12,500 फीट) की गहराई पर स्थित है। समुद्र की गहराई में दबाव बहुत अधिक है, और तापमान बहुत कम है। इन परिस्थितियों में काम करना बहुत मुश्किल और खतरनाक है। इतनी गहराई पर काम करना बहुत मुश्किल और महंगा है। मलबे को निकालने के लिए जटिल उपकरणों और तकनीकों की आवश्यकता होगी।
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